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समादृत साहित्यकार जाबिर हुसैन का जीवन परिचय – Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay

Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay: जाबिर हुसैन आधुनिक हिंदी साहित्य में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। वहीं, पेशे से अंग्रेजी के प्राध्यापक व सक्रिय राजनीति में भाग लेते हुए भी उन्होंने साहित्य जगत में गद्य और पद्य विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका हैं। 

बता दें कि जाबिर हुसैन की कई रचनाएँ जिनमें ‘जो आगे हैं’, ‘डोला बीबी का मज़ार’, ‘अतीत का चेहरा’, ‘लोगां’ व ‘एक नदी रेत भरी’ आदि को विभिन्न विद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं, हिंदी साहित्य के बहुत से शोधार्थियों ने जाबिर हुसैन के साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी जाबिर हुसैन का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब हम समादृत साहित्यकार जाबिर हुसैन का जीवन परिचय (Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम जाबिर हुसैन (Jabir Hussain)
जन्म 05 जून, 1945 
जन्म स्थान नौनहीं गांव, नालंदा जिला, बिहार 
शिक्षा एम.ए अंग्रेजी 
पेशा प्राध्यापक, राजनीतिज्ञ
भाषा हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी 
साहित्यकाल आधुनिक काल 
विधाएँ कविता, कहानी, डायरी 
कविता-संग्रह‘रेत से आगे’, ‘चाक पर रेत’ व ‘ये शहर लगै मोहे बन’ आदि। 
कहानी-संग्रह ‘डोला बीबी का मज़ार’, ‘रेत पर खेमा’, ‘ज़िन्दा होने का सबूत’, ‘लोगाँ, जो आगे हैं’ व ‘अतीत का चेहरा’ आदि। 
डायरी ‘दो चेहरों वाली एक नदी’, ‘ध्वनिमत काफी नहीं है’ आदि। 
सम्मान साहित्य अकादमी सम्मान, ‘विश्व हिंदी सम्मान’

नालंदा जिले के नौनहीं गांव में हुआ जन्म – Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay

समादृत साहित्यकार जाबिर हुसैन का जन्म 05 जून, 1945 को बिहार के नालंदा जिले के नौनहीं नामक गांव में हुआ था। बता दें कि उनके प्रारंभिक जीवन व माता-पिता के बारे में विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। माना जाता हैं कि उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए की डिग्री प्राप्त की थी। 

प्राध्यापक और सक्रिय राजनीतिज्ञ

जाबिर हुसैन ने अपने करियर की शुरुआत अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक के रूप में की। इसके साथ ही वह सक्रिय राजनीति का भी हिस्सा रहे। वर्ष 1977 में वह  मुंगेर से बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री बनें। इसके बाद उन्होंने बिहार विधान परिषद के सभापति का पदभार ग्रहण किया। बता दें कि वे ‘बिहार अल्पसंख्यक आयोग’ के अध्यक्ष और  राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। 

जाबिर हुसैन की साहित्यिक रचनाएँ – Jabir Hussain ki Rachnaye

जाबिर हुसैन (Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay) ने आधुनिक हिंदी साहित्य में कई अनुपम रचनाओं का सृजन किया हैं। इसके साथ ही उन्होंने संपादन के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दिया हैं। उन्हें हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा में समान अधिकार प्राप्त हैं। यहाँ जाबिर हुसैन की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

हिंदी-उर्दू रचनाएँ 

  • रेत से आगे
  • चाक पर रेत
  • ये शहर लगै मोहे बन

गद्य रचनाएँ 

  • डोला बीबी का मज़ार 
  • रेत पर खेमा
  • जिंदा होने का सबूत
  • लोगाँ 
  • जो आगे हैं’ 
  • अतीत का चेहरा
  • आलोम लाजावा 
  • ध्वनिमत काफी नहीं
  • दो चेहरों वाली एक नदी

कविता

  • कातर आँखों ने देखा
  • रेत-रेत लहू
  • एक नदी रेत भरी

उर्दू रचनाएँ 

  • अंगारे और हथेलियाँ
  • सुन ऐ कातिब
  • बे-अमां’ 
  • बिहार की पसमांदा मुस्लिम आबादियाँ

जाबिर हुसैन की भाषा शैली – Jabir Hussain Ki Bhasha Shaili

जाबिर हुसैन हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू तीनों भाषाओं में समान अधिकार रखते हैं। वहीं उनकी साहित्यिक रचनाएँ अत्यंत सहज-सरल व व्यवहारिक है। उनकी भाषा की प्रमुख विशेषता भाषा का प्रवाह और अभिव्यक्ति है। उन्होंने डायरी विधा में एक अभिनव प्रयोग किया है जो अपनी शैली, प्रस्तुति तथा शिल्प में नवीन है। 

पुरस्कार एवं सम्मान 

जाबिर हुसैन (Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay) को हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • जाबिर हुसैन को वर्ष 2005 में उर्दू कथा-डायरी ‘रेत पर खेमा’ के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। 
  • वहीं, वर्ष 2012 में 9वें विश्व हिन्दी सम्मेलन जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में उन्हें ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ समादृत साहित्यकार जाबिर हुसैन का जीवन परिचय (Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

FAQs 

जाबिर हुसैन का जन्म कहाँ हुआ था?

जाबिर हुसैन का जन्म 05 जून, 1945 को बिहार के नालंदा जिले के नौनहीं नामक गांव में हुआ था। 

किस रचना के लिए जाबिर हुसैन को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ मिला था?

उर्दू कथा-डायरी ‘रेत पर खेमा’ के लिए जाबिर हुसैन को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

जाबिर हुसैन को किस वर्ष ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया था?

वर्ष 2012 में 9वें विश्व हिन्दी सम्मेलन जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में उन्हें ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया था।

एक नदी रेत भरी किसकी रचना है?

एक नदी रेत भरी, जाबिर हुसैन की प्रमुख काव्य रचना है। 

जाबिर हुसैन के संस्मरण का नाम क्या है?

साँवले सपनों की याद, प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के तुरंत बाद डायरी शैली में लिखा गया संस्मरण है। 

आशा है कि आपको समादृत साहित्यकार जाबिर हुसैन का जीवन परिचय (Jabir Hussain Ka Jeevan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचयको पढ़ने के लिए Hide Edu के साथ बने रहें।